Liver Cirrhosis – एक Silent Killer जिसे नज़रअंदाज़ करना पड़ सकता है भारी
भागमभाग भरी इस जिंदगी में आजकल लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाते है और ये नजरअंदाजी हमें खासकर अपने लीवर की सेहत को बहुत नुकसान पंहुचा रही है, और ये हमें अंदर से खोखला कर रही है जिससे एक गंभीर बीमारी उत्पन्न कर रही है जिसे हम (Lever Sirosis) लीवर सिरोसिस कहते है। ज्यादातर हमें इस बिमारी के बारे में जब पता लगती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

🔹 लिवर सिरोसिस(Liver Cirrhosis) क्या है?
लिवर सिरोसिस लिवर की ऐसी स्थिति होती है जिसमे की हमारे लिवर Healthy Cells ख़त्म हो जाते है और उस स्वस्थ सेल्स की जगह घाव का निशान जिसे की हम Scar Tissue भी कहते है बन जाता है और ये उत्तक हमारे लिवर के काम करने की क्षमता को बिल्कुल कम कर देता है। इसका सही समय पर इलाज नहीं करने पर मनुष्य अपनी जिंदगी से भी हाथ धो बैठता है।

🔹 Liver Cirrhosis के मुख्य कारण और लक्षण (Symptoms)
रिसर्च में पता चला है की भारत में लिवर सिरोसिस सबसे आम कारण शराब🍻 का बहुत ज्यादा इस्तेमाल है। और अन्य कारन में 🦠 हेपेटाइटिस B या C संक्रमण, फैटी लिवर डिज़ीज जिसे हम non-alcoholic fatty liver disease (NAFLD)भी कहते है। ये 🧬वंशानुगत बीमारी भी है जैसे की परिवार के किसी सदस्य से हमारे अंदर भी ये बिमारी आ सकती है या फिर 💊 ज़हरीली दवाईयों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल या केमिकल्स युक्त खान-पान हो सकती है।
🔹जाने Liver Cirrhosis डायग्नोसिस, इलाज और बचाव के तरीके
सबसे पहले बीमार व्यक्ति को Liver Function Test (LFT) जो की एक प्रकार का खून जांच होता है जिसमे लिवर की काम करने के क्षमता को जांचता है। इसमें लिवर में बढे हुए एंजाइम्स (ALT,AST) जो की लिवर को बेकार कर सकता है, बिलरुबिन (Bilirubin) ज्यादा होने पर जॉन्डिस हो सकता है, एल्ब्यूमिन (Albumin) लिवर प्रोटीन बना रहा है की नहीं, Alkaline Phosphatase (ALP) ज्यादा होने पर बाइल डक्ट में ब्लॉकेज की भी सुचना भी देता है। यह सबसे पहला और बेसिक टेस्ट होता है जिससे पता चलता है की लिवर में सूजन है या नहीं ये लिवर को कितना ख़राब किया है या नहीं।
दुसरे जांच में अल्ट्रासाउंड आता है जो की सिर्फ पेट पर एक प्रकार का डिवाइस चलाया जाता है इसमें लिवर की आकार ,बनावट ,सूजन,फैटी लिवर या फिर ट्यूमर को देखा जाता है। फिर एक विशेष प्रकार का अल्ट्रासाउंड जिसे फ़िब्रोस्कैन जो की लिवर की कठोरता को मापता है जितना ज्यादा कठोर होगा उतना खतरा होता है यह जांच बिलकुल दर्दरहित होता है जिसमे सिरोसिस की गंभीरता को ग्रेड करता है।
तीसरे जांच में लिवर बायोप्सी जो की एक सुई की मदद से लिवर के टिश्यू का छोटा नमूना लिया जाता है फिर इसे माइक्रोस्कोप की सहायता से जांच कर स्कारिंग(Fibrosis) पता लगाया जाता है। ये थोड़ी चुभन वाली प्रक्रिया से गुजरना होता है इसलिए सभी मरीजों में नहीं की जाती है।
चौथे जांच में हेपेटाइटिस के अलग अलग प्रकार(B और C) की जांच की जाती है। ये लीवर सिरोसिस के आम कारणों में से एक है इसका इलाज जल्दी करने से हम इससे बच सकते है।
लिवर सिरोसिस का इलाज पूरी तरह से नहीं है लेकिन इसके कुछ जरुरी रोकथाम और अपने लाइफस्टाइल में सुधार कर इसे रोक सकते है। इसके लिए सबसे पहले हमें शराब और धूम्रपान से पूरी तरह दूरी महत्वपूर्ण है फिर दवाइयों के ज़रिए ,हेपेटाइटिस का इलाज और गंभीर मामलो में लिवर ट्रांसप्लांट कराना सही होता है। इसलिए अपने वचाव के लिए समय-समय पर डॉक्टर से सलाह ले ,मोटापे से बचे और Healthy Diet अपनाए।
Liver Cirrhosis एक ऐसी बीमारी है जो शांति से शरीर को नुकसान पहुंचाती है। इसे हल्के में लेना खतरे से खाली नहीं। आज से ही अपने लिवर की सेहत को प्राथमिकता दें।
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